2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?
इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है और समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस मामले को लेकर गुरुवार 23/03/2023 को सूरत की अदालत ने फैसला सुना दिया है । ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया है। धारा 504 के तहत राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत दे दी। इसके साथ ही उन्हें उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी। हालांकि, राहुल गांधी ने कोर्ट के अंदर अपने बयान में कहा था कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हैं। अक्तूबर 2021 में बयान दर्ज कराने के लिए अदालत पहुंचे राहुल ने खुद को निर्दोष बताया था। फिलहाल उनकी सांसदी पर कोई खतरा नहीं है। राहुल को अगले तीस दिन के भीतर ऊंची अदालत में फैसले को चुनौती देनी होगी। अगर वहां भी कोर्ट निचली अदालत को बरकार रखती है तो राहुल की संसद सदस्यता जा सकती है।
सजा का एलान होने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।"
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