नौसखिए कवि

आजकल का कवि

कुछ जो नौसखिये बन गए है कवि
सोचा उनके समर्पित करू दो शब्द अभी
कुछ ऐसा भी लिख दो कि कुछ अर्थ तो निकले
हिंदी के लिए हानिकारक है तुम जैसे मनचले
लिखते हो लेख और बताते हो कविता
लगता है नल्ले हो, आता है कुछ नहीं समय रहे हो बिता
बैठ तो गए हो हाथ में कॉपी पेन लेकर
पास हुए हो लगता है हिंदी में तृतीया श्रेणी लेकर
ये मेरे शब्दों का कमाल है इसे भ्रमजाल मत कहदो
कर रहे हो हिंदी को बर्बाद अब तो इस बात को समझो

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