एक सच्चा देशभक्त ही इस मेसेज को आगे भेजेगा ओर देश की इज्जत बचाएगा। जय हिन्द।
हमारे देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पैसे के लिए देश में आग भी लगवा सकते है। शर्म आनी चाहिए इनके मां बाप को जिन्होंने इनको संस्कृति की बजाए पैसे के लिए बिक जाना सिखाया। प्रकाश पादुकोण अपनी बेटी को खिलाड़ी ही बना देता तो कुछ तो इज्जत करती देश की, पैसे के लिए देश के इतिहास और संस्कति से तो नहीं खेलती। मां बाप बच्चों को सिर्फ कमाने की शिक्षा देते है, इतिहास या संस्कृति की कोई शिक्षा नहीं देते। ऐसे बच्चे जिनके लिए देश से बढ़कर पैसा हो वो देश की या देश पर प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की इज्जत क्या करेंगे ।
मैं पूछता हूं उन बुजुर्गवार या करणी सेना का क्या कसूर है जो अपने स्वाभिमान और इज्जत के लिए एक बार फिर से जान देने को मजबूर हैं। सारी उम्र इज्जत कमाई और अब एक नाचने गाने वाली के लिए अपनी इज्जत दाव पर लगानी पड़ रही है। धिक्कार है ऐसी कमाई पर को एक पिता समान बुजुर्ग को सिर्फ पैसों के लिए पुलिस की लाठियों के आगे झोंकने से भी परहेज नहीं कर रही। आज ये भी साबित हो गया कि नाचने गाने वालो को सिर्फ पैसे से मतलब है।
एक तरफ देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा वहीं दूसरी तरफ देश के इतिहास में अहम भूमिका निभाने वाले राजपूत अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए प्रताड़ित हो रहे होंगे। देश की सभ्यता संस्कृति और इतिहास है तो हम है ओर इसे बचना हमारा परम धर्म है। जय भारत माता।
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